सुवर्णा के दफ्तर के एकाउंट विभाग में यू.डी.सी थी सुधा साहनी. पूरा दिन उसका आँकड़े दुरूस्त करने में गुजरता था. समझ नहीं आता था फिर क्यों उसने अपनी जिंदगी के आँकड़े इतने उलझा रखे थे. यूँ आँकड़ों पर अपनी पकड़ मजबूत रखने वाले लोग बड़े व्यावहारिक होते हैं. अपना हर काम नफ़ा-नुकसान देख कर करते हैं.
- अमरीक सिंह दीप की कहानी 'खिलवाड़' से
Profession's impact on one's personality