Saturday, June 23, 2012

खरगोश (प्रियंवद)

Just read the Hindi short story खरगोश by Priyamvad. It's a story of a ten-year-old boy's sexual attraction for the female body. This story has been made into a film by the same title. Basically an experimental film. The DVD is available online at Flipcart.com.

Friday, June 8, 2012

पीली छतरी वाली लड़की (उदय प्रकाश)

अंजली इन दिनों हर ऐसे मौके की ताक में रहती, जिसमें वह राहुल को छू सके। और राहुल भी इसी फेर में रहता।

अंजली लड़कियों के साथ लंच आवर में क्लास रूम से बाहर निकल रही थी। राहुल ने चुपके से उसकी सबसे छोटी कानी उंगली दबा दी। लाइब्रेरी में एक बार उसकी चोटी खींची, दूसरी बार उसका कान खींचा, तीसरी बार उसकी गर्दन पर हल्के से उंगलियां धंसाई और चौथी बार उसकी हथेली को अपनी हथेली में कुछ सेकेंड्स के लिए भर लिया।

यह एक नयी भाषा थी, जिसे उन्होंने अपने-अपने जीवन में पहली बार जाना था। इस भाषा के वाक्य अलग थे, उनका सिंटैक्स भिन्न था। वे उसके अनोखे व्याकरण को धीरे-धीरे, हर रोज़ सीख रहे थे। यह सीखना इतने आश्चर्यों, सुखों, कौतुकों और सांस तक को रोक देने वाली बेचैनियों से भरा था की वे उन पलों में अवाक्, हतप्रभ और अवसन्न रह जाते। वह अनुभव उनकी चेतना और देह को अपने इंद्रजाल में बांध कर जड़ कर देता और उन्हें लगता इस समूचे ब्रह्माण्ड में वे दोनों बिलकुल अकेले हैं।

(pp. 84-85)

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अचानक राहुल को लगा, उसके जीवन में पहली बार उसे वह अनुभव, वह सुख मिला है, जो नितांत उसका अपना है। निजी, पर्सनल और गोपनीय। एक ऐसा खजाना, जिसे सबसे छुपाकर, अपनी स्मृतियों में किसी सुरक्षित कोने में संभालकर रखना है। हमेशा के लिए।
(p. 104)