रेलवे रोड पर मजमा लगाता था जय दयाल.
...जेडी में एक तिलिस्म था. और तिलिस्म जेडी की बातों में भी था.
...वो धारा प्रवाह बोलता चला जाता. उसके खेल का करिश्मा जारी रहता. वो एक बात से दूसरी बात को जोड़ लेता. जैसे जोत से जोत जगा रहा हो.
...वो ताश का खेल दिखाते-दिखाते लोगों की बीमारियों तक जा पहुंचता. दमे से लेकर शीघ्र पतन जैसे रोग और उनके लिए जेडी की दवाइयां.
- ज्ञानप्रकाश विवेक की कहानी 'जमैट्री बॉक्स' से (कथादेश, अगस्त 2017)
कोई व्यक्ति किसी क्षेत्र में महारती हो तो हम अन्य क्षेत्रों में भी उसकी महारत सहज ही assume कर लेते हैं। ताश के पत्तों से जादू करने वाला बाजीगर बीमारियों और दवाइयों का भी विशेषज्ञ हो जाता है। रजतपटल का जादूगर अमिताभ बच्चन राजनीति के लिए भी सुयोग्य हो जाता है।