Sunday, December 20, 2009

तड़पना सीखता...

सुनसान रातों में जब वे वाँयलिन पर कोई करूण राग छेड़ते तो चराचर के तमाम संवेदनशील प्राणियों की तरह मेरा मन भी तड़प उठता... तड़पना सीखता...

 - लेखिका महुआ माजी के आत्मकथ्य से

Yes. Emotions and sensitivity have to be learnt. We are not born with them.


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