Quotes from books and films and songs
सुनसान रातों में जब वे वाँयलिन पर कोई करूण राग छेड़ते तो चराचर के तमाम संवेदनशील प्राणियों की तरह मेरा मन भी तड़प उठता... तड़पना सीखता... - लेखिका महुआ माजी के आत्मकथ्य से
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