सोच रहे हैं मैथ्यू. दृष्टि घूम जाती है पीछे की ओर. यादों के पक्षी उड़ रहे हैं, चारों ओर. कुछेक पकड़ में आते हैं कुछ हाथ आते-आते छूट जाते हैं.
- मधु कांकरिया की कहानी 'अन्वेषण ' से
अच्छी imagery है.
…कोई भी सत्य सार्वकालिक नहीं होता, जो कल मेरे लिए सत्य था, वह आज नहीं है.
- उसी कहानी से
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